Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
Shiv Chalisa is actually a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his assist in eradicating hardships and obstacles in devotee’s life.
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ shiv chalisa in hindi लोक फैली उजियारी॥
सबहिं कृपा shiv chalisa lyricsl कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥